ठंड मे अधिक दुखता है
जैसे हिम ठंड में सख्त और भंगुर बर्फ बन जाती है, वैसे ही करूणा रहित ह्रदय कठोर हो छोटी सी चोट से ही टूट जाता है।
एक मठ में किताबी ज्ञान से भरा हुआ एक साधक रहता था। शास्त्रार्थ तथा धार्मिक वाद-विवादों में कोई उसे पराजित नहीं कर पाता था। धार्मिक कृत्य के पालन में वह निपुण था। आत्म-बोध और ईश्वर प्राप्ति का उसपर जुनून सवार था। वह अपना पूरा समय विभिन्न धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करने में व्यतीत करता था। उसके लिए ईश्वर, ध्यान और आत्म-बोध ही सब कुछ था। किताबों से सूखा ज्ञान लेकर उसमें कदाचित उच्चता और दम्भ की भावना आ गयी थी। वो केवल अपने मोक्ष के लिये प्रयत्नशील था, आसपास चाहे…read more