एक मोची, कुक्कुर, और ईश्वर
प्रस्तुत है एक सुंदर कहानी, आध्यात्म का उद्देश्य बताने हेतु एक स्नेह भरा अनुस्मारक – हर प्राणी में परमात्मा को देखना।
एक दिन एक सज्जन, जो आरंभिक दिनों से ही मेरे ब्लॉग व प्रवचन पढ़-सुन रहे हैं, मेरे पास आए। उन्होंने हृदय को द्रवित कर देने वाली एक घटना सुनाई। उन्हीं के शब्दों में वह यहाँ प्रस्तुत है – “स्वामी”, वे बोले, “प्रातःकाल स्नान के उपरांत मेरा सर्वप्रथम कार्य होता है घर के पूजास्थल पर दीया जलाना व प्रार्थना करना। अगरबत्ती व दीये के संग मैं ताजे पुष्प भी अर्पण करता हूँ। मेरे यहाँ एक छोटा सा बगीचा है जो बाड़ द्वारा सुरक्षित है व जहां मैं बहुत सावधानी व प्रेम…read more